मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार के प्रयास रंग लाए हैं। प्रदेश की बहुप्रतिक्षित केन-बेतवा लिंक परियोजना का काम जल्द शुरू होने जा रहा है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लिए यह परियोजना शुभंकर साबित होगी, क्योंकि इस परियोजना से दोनों राज्यों की साढ़े 8 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। बताया जा रहा है कि परियोजना अथारिटी के भोपाल स्थित कार्यालय ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर परियोजना की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
गौरतलब है कि केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच वर्ष 2005 में अनुबंध हुआ था। उसके बाद प्रक्रिया धीमी पड़ गई थी। तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों राज्यों के बीच वर्ष 2021 में समझौता हुआ।
हाल ही में बनी नई सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस प्रक्रिया में तेजी लाने की प्रयास किये थे। अब केंद्र में सरकार बनते ही केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास जुलाई में किया जाना संभव है। जुलाई में परियोजना का शिलान्यास करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसके अंतर्गत बनने वाले दोधन बांध के लिए तकनीकी निविदा पूरी कर ली गई है। बता दें कि दोधन बांध की ऊंचाई 15 मीटर से अधिक होगी। इस परियोजना के लिए निविदा में देश के बड़े उद्योगपति अदाणी की कंपनी और मध्य प्रदेश के बड़ी कंपनी दिलीप बिल्डकॉन ने रुचि दिखाई है। साथ ही हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी), एस्कान इंफ्रास्ट्रक्चर (इंडिया) लिमिटेड, एसटीएन सहित 22 कंपनियों ने रुचि दिखाई है।
ऐसी होगी परियोजना
44 हजार 605 करोड़ रुपए की इस परियोजना को पूरा करने में छह वर्ष का समय लगना अनुमानित है। इस परियोजना में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत राशि देगी। दोनों राज्य सरकारों को कुल लागत की पांच-पांच प्रतिशत राशि देनी होगी। परियोजना पूरी होने के बाद मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में साढ़े आठ लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई क्षमता का विकास होगा तो लाखों लोगों को पेयजल की सुविधा मिलेगी। केन-बेसिन से उप्र के 2.27 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी, केन-बेसिन से मप्र में 4.47 लाख हेक्टेयर पर सिंचाई होगी, जबकि बेतवा बेसिन से मप्र में सिंचाई का क्षेत्रफल 2.06 लाख हेक्टेयर होगा। बिजली मध्य प्रदेश के हिस्से में आएगी।