बरही खबर : अजय वर्मा
ठेकेदार ने तोड़ी पाइपलाइन, पेयजल सप्लाई हुई बाधित ।
नगर परिषद अंतर्गत सीएमआर कंपनी के द्वारा संचालित पेयजल योजना यूं तो मध्य प्रदेश में नंबर वन के अनुरूप कार्य करती आ रही है लेकिन 24 घंटे पेयजल सप्लाई का वादा करने के उपरांत भी 48 घंटे में एक बार भी सप्लाई नहीं दे पा रही है । ठेकेदार एवं परिषद की लापरवाही से जनता पानी के लिए तरसती नजर आ रही है ।
24 घंटे का वादा, 48 घंटे में भी नहीं हो सकी सप्लाई।
तकनीकी युग में भी नगर में पेयजल सप्लाई 2 से 3 दिन बाधित रहना समझ के परे है, इसके पूर्व भी नगर परिषद में लगातार तीन दिन की सप्लाई बाधित थी । वर्तमान समय में भी 48 घंटे में एक बार पेयजल न मिलना नगर के लिए अत्यंत पीड़ा दायक साबित हो रहा है, ज्ञात हो कि लचर कार्यप्रणाली के चलते नगर में पेयजल सप्लाई आए दिन बाधित होती रहती है । जिसका खामियाजा आमजन को उठाना पड़ता है।
वैकल्पिक व्यवस्था पर नहीं ध्यान ।
प्राय: देखने में आया है कि लचर कार्यप्रणाली के चलते नगर में आए दिन पेयजल की समस्या बनी ही रहती है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा इसका निराकरण किए जाने की न कोई योजना है, और ना ही कोई पहल ! जिले की सबसे विकसित नगर परिषद में यदि पाइप लाइन में खराबी आ जाए तो परिषद के द्वारा कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे आमजन में होने वाली समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है, नगर में ना तो टैंकर के माध्यम सप्लाई हो पाती और ना ही पुरानी पाइपलाइन के माध्यम कोई व्यवस्था निर्धारित की गई है, जिससे नगर में भीषण जल संकट की स्थिति निर्मित होना आम बात हो गई है ।
टैंकर व फायर वाहन के लिए भी नहीं व्यवस्था ।
सबसे विकराल स्थिति निर्मित होना जिसमें फायर वाहन व टैंकर में भी पानी की उपलब्धता ना होना पाया गया है, प्राय देखने में यह आया है कि जब कभी पाइप लाइन में गड़बड़ी उत्पन्न होती है तो नगर परिषद टैंकर व फायर वाहन में भी पानी देने के लिए हाथ खड़ा कर लेती है जबकि नगर में कई ऐसे बोर हैं जो जीवंत अवस्था में है और नगर में पेयजल समस्या के संचालन में अहम भूमिका निभा सकते हैं किंतु जीवंत बोर पर परिषद के आलाकमान व अधिकारियों के द्वारा ध्यान न दिए जाने के कारण नगर में पेयजल के साथ-साथ भीषण घटनाएं भी विकराल रूप लेने में जरा भी कोताही बरतेगी । आमजन ने इस संबंध में माननीय कलेक्टर महोदय का ध्यान आकर्षण करते हुए निवेदन किया है कि नगर में पेयजल एवं अति आवश्यक कार्य हेतु जीवंत बोर पर वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की पहल करें ।
इनका कहना है : पाइप लाइन टूटने एवं 33 k लाइन बंद होने के कारण सप्लाई करना मुश्किल हो रहा है ।
(अंकित शुक्ला = प्रोजेक्ट मैनेजर)